नारी सशक्तिकरण व उत्थान के लिए मनाया गया सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम


बुलंदशहर : में हजरतपुर स्थित, छत्रपति शिवाजी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बुलंदशहर में आज सप्तशक्ति संगम का अखिल भारतीय स्तर पर कार्यक्रम मनाया गया जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षा मौली बेरी(वाणिज्य विषय में प्रसिद्ध शिक्षिका), मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ रानी बाला गॉड (पूर्व प्राचार्य डी.ए.वी. पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बुलंदशहर ), मुख्य वक्ता रेखा चूड़ासमा (अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान में सप्तशक्ति कार्यक्रम की क्षेत्रीय संयोजिका) व विद्यालय के प्रधानाचार्या हर्षिता सांगवान रही।
कार्यक्रम का विषय कुटुंब प्रबोधन एवं पर्यावरण के संबंध में भारतीय दृष्टि के साथ भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका रहा।
इस कार्यक्रम में लगभग 78 गांव व शहर की 765 महिलाओं एवं बहनों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
विद्यालय की बहनों द्वारा पन्नाधाय के ऊपर एक रंग मंच कार्यक्रम प्रस्तुत किया इसके पश्चात सावित्रीबाई फुले की चरित्र को चरित्राथ करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम में आई हुई विशिष्ट माताओं को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता रेखा चूड़ासमा ने बताया कि प्रत्येक परिवार में कुटुंब प्रबोधन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नारी पर ही होती है घर की महिला ही घर को जोड़कर, सभी को साथ लेकर उसे परिवार का रूप देता है नारी चाहे तो घर में होने वाले कार्यों से ही देश का विकास भी कर सकती है एवं पर्यावरण को भी स्वच्छ रख सकती है जैसे जो सामान महिलाएं बाजार से मांगती हैं अगर उसमें भी यह देख लिया जाए कि यह भारत में निर्मित है अथवा विदेशी है तो हम भारत में निर्मित वस्तुओं का घर में प्रयोग करने लगेंगे यदि महिलाएं घर में प्लास्टिक तथा पॉलिथीन की वस्तुओं को लाने पर प्रतिबंध लगाए तो इससे हमारा पर्यावरण भी स्वच्छ हो जाएगा। भारत की संस्कृति सभ्यता को एक सूत्र में पिरोकर रखने में भारत की महिलाओं का ही हाथ है।
चाहे अपने कर्तव्य के लिए अपने बेटे की बलि देने वाली पन्ना धाय की बात करें या सावित्रीबाई फुले के चरित्र को एक बार पढ़ें तो हम समझेंगे की नारी सदैव ही समाज में उच्च स्थान पर विराजमान रही हैं।
मुख्य अतिथि डॉ रानी बाला गॉड ने बताया कि प्रत्येक परिवार में यदि स्त्री चाहे तो वह कुटुंब को एक बंधन में बांधकर रख सकती है आज एकल परिवार होने का मुख्य कारण भी स्त्रियां ही हैं यदि स्त्रियां यह समझ जाए की कुटुंब के साथ सम्मिलित रूप से रहने में हमारे भविष्य उज्जवल रहेगा हमारा अस्तित्व भी सदैव बरकरार रहेगा तो प्रत्येक परिवार एक सूत्र में बंधकर रहेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मौली बेरी ने बताया कि समाज में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी शिशु के लिए उसकी पहली गुरु उसकी माता होती है तथा उसका परिवार ही उसकी पहली पाठशाला होती है यदि महिलाएं घर में नौनिहालों को अपना आदर्श प्रस्तुत करके दिखाएंगी तो भविष्य में आने वाली पीढ़ी संस्कारी, शिक्षित एवं समाज के लिए समर्पित होगी।
विद्यालय के प्रधानाचार्य हर्षिता सांगवान ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन रसायन विज्ञान विभाग से पिंकी वर्मा ने किया।

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