बुलंदशहर : के ग्राम नैथला हसनपुर में चल रही रामलीला में दर्शकों ने राम-लक्ष्मण और कुंभकरण-इंद्रजीत के बीच हुए भीषण युद्ध का मंचन देखा। इस दौरान हनुमान जी ने कालनेमि का वध कर संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को पुनर्जीवित किया। मंचन में कुंभकरण और इंद्रजीत दोनों का वध दिखाया गया।मंचन की शुरुआत राम दरबार में भगवान विष्णु की आरती से हुई। इसके बाद रावण ने कुंभकरण को नींद से जगाया और युद्ध के लिए भेजा। कुंभकरण और विभीषण के बीच संवाद भी हुआ। रणभूमि में भगवान राम और कुंभकरण के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें भगवान राम ने कुंभकरण का वध कर दिया।कुंभकरण के वध का समाचार मिलते ही रावण ने अपने पुत्र इंद्रजीत को युद्ध के लिए भेजा। युद्ध पर जाने से पहले इंद्रजीत और सुलोचना के बीच संवाद का मंचन किया गया। इंद्रजीत अपनी कुलदेवी की पूजा कर रहा था, तभी हनुमान जी और लक्ष्मण जी ने उसकी पूजा भंग कर दी।इसके बाद लक्ष्मण और इंद्रजीत के बीच भीषण युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में लक्ष्मण ने इंद्रजीत को मार गिराया। अपने पति का शीश लेने के लिए सुलोचना राम दरबार पहुंची। विभीषण से संवाद के बाद भगवान राम ने सुलोचना को उनके पति इंद्रजीत का शीश प्रदान किया।रामलीला कमेटी के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने बताया कि इस मंचन को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग आते हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन के सहयोग की भी सराहना की, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सका।
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