न्यायालय : एसीजेएम- प्रथम के न्यायाधीश मोहम्मद जुल्करनैन आलम ने सन 1992 में जहांगीराबाद थाने में दर्ज मुकदमे में 32 वर्ष बाद सुनाया अहम फैसला। अधिवक्ता के परिवार में दौड़ी खुशी की लहर, अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार और पिता मीर सिंह ने कोर्ट और न्यायाधीश एवं अन्य सहयोगियों का दिया धन्यवाद।बुलंदशहर। न्यायालय एसीजेएम प्रथम बुलंदशहर के न्यायाधीश मोहम्मद जुल्करनैन आलम द्वारा अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार कनिष्ठ कार्यकारणीय सदस्य डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन बुलंदशहर की प्रभावी पैरवी पर अधिवक्ता के पिता मीर सिंह सेवानिवृत्त कलेक्ट्रेट निवासी गांव नगला ढकौली थाना अगौता को जहांगीराबाद थाने में 32 वर्ष पूर्व दर्ज मुकदमा संख्या 290 सन 1992 की धारा 304 ए, 429, 506 ,221 आईपीसी में दोषमुक्त करते हुए बा इज्जत बरी किया।शैलेंद्र कुमार एडवोकेट, कार्यकारिणी सदस्य, चेंबर नंबर- 11, सभागार प्रथम तल, कलेक्ट्रेट परिसर , डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, बुलंदशहर दोबारा बताया गया कि 32 वर्ष पूर्व मेरे पिता मीर सिंह के विरुद्ध एक झूठा मुकदमा संख्या 290 धारा 304 ए ,429, 506 , 201 आईपीसी में जहांगीराबाद थाने में सन 1992 में दर्ज हुआ था। जिसमें वादी विजय कुमार ने मेरे पिता मीर सिंह पर आरोप लगाया था कि मीर सिंह ने माह नवंबर 1992 को शाम अंधेरे में ट्रैक्टर से उसके भतीजे रामगोपाल का जहांगीराबाद क्षेत्र में टक्कर मार दी थी जिससे भतीजा रामगोपाल घायल हो गया उसका अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी मामला न्यायालय में विचाराधीन होने पर वादी के अधिवक्ता एवं न्यायालय के एपीओ द्वारा मेरे पिता के विरुद्ध गवाह और सबूत पेश किया किंतु मुझ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार द्वारा सभी गवाह और सबूत को झूठा साबित कर दिया गया। तथा अपने बचाव में सबूत पेश किया जिसे न्यायालय एसीजेएम प्रथम के न्यायाधीश मोहम्मद जुल्करनैन आलम द्वारा स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों की बहस को अच्छी तरीके से सुनाओ और अहम फैसला देते हुए मुझे अधिवक्ता के पिता मीर सिंह को दोषमुक्त करते हुए बा इज्जत बरी कर दिया जिसका आदेश जारी कर दिया गया है। मुझे अधिवक्ता होने पर गर्व है मेरे माता-पिता ने मेहनत से मुझे एडवोकेट बनाया आज मैं उनके कुछ काम आ सका जिससे परिवार में खुशी है मैं आगे भी अन्य लोगों को ईमानदारी और मजबूती के साथ न्याय दिलाता रहूंगा।मीर सिंह द्वारा बताया गया कि हमें कानून और न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि हमें न्याय जरूर मिलेगा आज मेरे पुत्र शैलेंद्र कुमार एडवोकेट की प्रयास से 32 वर्ष पुराने झूठे मुकदमे में दोषमुक्त न्यायाधीश महोदय द्वारा किया गया है जिनका धन्यवाद देता हूं। ऊपर वाले के यहां देर है अंधेर नहीं।
अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार ने अपने पिता मीर सिंह को धारा 304 A के मुकदमे में प्रभावी पैरवी कर न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करते हुए कराया बा इज्जत बरी।
