बुलन्दशहर : क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा जैसे बसों और टैक्सियों के लिए आरटीओ नियमित रखरखाव जांच करता है। यह जांच सुनिश्चित करती है कि ये वाहन सही तरीके से काम कर रहे हैं। यात्रियों के लिए बेहतर यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए आरटीओ कई तरह के नियम बनाता है।सूत्रों की माने बुलन्दशहर जिले में ईको गाड़ी व डेगेमार बस बदायूं मेरठ राज्य मार्ग पर बिना परमिट के दौड़ रही है। आरटीओ द्वारा कई ईको गाड़ी व डेगेमार बस के कागजों की जांच करने पर परमिट नही मिला। जबकि पिछले कई महीनो से ईको गाडी व डेगेमार बस बिना परमिट के अंतर राज्य रूट पर दौड़ रही है और परिवहन विभाग कुंभकर्णीय नींद सो रहा था।क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की लापरवाही के कारण ईको गाड़ी सवारियों को लेकर बुलन्दशहर से पारी चौक ग्रेटर नोएडा तक जाती है। बिना परमिट की ईको गाड़ी से यदि हादसे का शिकार हो जाती तो यात्रियों के जीवन के लिए जिम्मेदार कौन होगा। क्या यात्रियों की जिम्मेदारी आरटीओ विभाग द्वारा ली जाएगी क्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा। जब ईको गाड़ी आरटीओ के कागजों में दर्ज ही नहीं तो उसका न तो यात्रियों को कोई मुआवजा नही मिलेगा ही वे वैधानिक कार्रवाई ईको गाड़ी संचालक पर कर पाते। इस प्रकार की लापरवाही से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। नन्दकिशोर ने जब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अधिकारी राजीव बंसल से बात करने पर बताया कि ईको गाड़ियों पर कार्रवाई की जाती है। और समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है। और राजीव बंसल ने बताया कि बदायूं मेरठ मार्ग पर डेगेमार मार बसे चलती हैं। लेकिन उन बसों पर अधिकतर परमिट है।

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