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लू से सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

  • तापमान में उछाल के साथ स्वास्थ्य विभाग ने लू के लिए जारी किया अलर्ट
  • स्वास्थ्य विभाग के समस्त स्टाफ को किया गया प्रशिक्षित तैयार रहने के निर्देश

बुलंदशहर : सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी कुलदीप मीना की अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन एव मानव स्वास्थ्य अंतर्विभागीय (हीट वेव) कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला में बताया गया कि अप्रैल के महीने में तापमान में एकदम से उछाल आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव (लू) को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।

तीन माह अप्रैल, मई व जून में लू का मौसम रहते के चलते बीमारियों से बचाव में नियंत्रण के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपाय भी जारी किए जा रहे हैं। मरीजों की संख्या में बढ़ावा होने पर स्टाफ को सक्रिय रहने व विपरीत परिस्थितियों में तत्काल राहत देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय कुमार ने बताया कि लू (हीट- बेव) के दृष्टिगत जनपद ब्लॉक स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस एवं आईवी फ्ल्यूड आदि का पर्याप्त स्टॉक करा दिया गया है। मानव संसाधन को भी अलर्ट कर दिया गया है। ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करा दी गई है।

माह अप्रैल, मई व जून लू (हीट- बेव) के प्रकोप के माह माने गये हैं। जनपद में अभी तक कोई अप्रिय घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। प्रतिदिन ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों से लू (हीट-बेव ) की रिपोर्ट संकलित कर शासन को प्रेषित की जाती है। जनपद स्तर से ब्लॉक स्तर के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को जल जनित बीमारी, निज स्वच्छता व सफाई के लिए संवेदनशील कर दिया गया है। मच्छरों से बचाव हेतु फॉगिंग व लार्वा स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है।

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हेतु एडवाइजरी जारी कर दी गयी है। महामारी की दशा में त्वरित कार्यवाही हेतु रैपिड रिस्पान्स टीम (आर. आर. टी.) का गठन कर दिया गया है।

ऐसे करें बचाव
=अधिक से अधिक पानी पिएं।
=पसीना सूखने वाली फसलें व हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
=धूप में निकलते समय चश्मे छाते व वह चप्पलों का प्रयोग करें।
=खुले में कार्य करते है तो चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढकी रहें और यदि संभव हो तो छाते का प्रयोग करें।
=संभव हो तो दोपहर 11:00 बजे से 4:00 के मध्य धूप में निकलने से बचें।
=घर में बनी पिए पदार्थ लस्सी नींबू पानी छाछ इत्यादि का प्रयोग करें।
=पेट में मरोड़, घमोरियां, शरीर में कमजोरी,चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई जैसे लक्षण सामने आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें।

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