औरंगाबाद : बुलंदशहर नगर पंचायत का रेन बसेरा पूरी रात बंद रहा जबकि निराश्रितों को भीषण ठंड में बाहर ठंड में सिकुड़ते हुए रात गुजारनी पड़ी। केयर टेकर रेन बसेरे पर ताला लगा कर गायब हो गया। सुबह नगर पंचायत के कर्मचारियों ने केयर टेकर को बुला कर रेनबसेरे का ताला खुलवाया।नगर पंचायत की अनदेखी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कस्बे का रेन बसेरा निराश्रितों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो कर रह गया है। शासन प्रशासन के निर्देश पर भीषण ठंड से निराश्रितों को राहत दिलाने की गरज से स्थानीय निकायों द्वारा रेन बसेरों का प्रावधान किया गया है। नगर पंचायत कार्यालय के समीप एक रेन बसेरा निराश्रितों की सहायतार्थ बना दिया गया है। उसके केयर टेकर के रूप में लाल सिंह को तैनात किया गया है। केयर टेकर रविवार की रात में रेन बसेरा बंद कर कहीं चला गया। पूरी रात रेन बसेरा बंद रहा। सुबह जानकारी मिलने पर मीडिया के लोग रेन बसेरे पर पहुंचे तो साढ़े नौ बजे रेन बसेरे पर ताला लगा पाया। कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर केयर टेकर को बुला लिया और ताला खुलवाया। हालांकि कर्मचारी एक दूसरे का बचाव करते रहे। मामले की बाबत पूछे जाने पर नायब तहसीलदार औरंगाबाद ललित नारायण प्रशांत ने जानकारी से इंकार किया और कहा कि जांच की जायेगी यदि रेन बसेरा बंद रहा है तो आवश्यक कार्रवाई होगी।विदित हो कि नगर पंचायत में आये दिन घपलेबाजी लापरवाही और भृष्टाचार की शिकायत सामने आती रही हैं कभी सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं को अवैध कब्जे तो कभी फर्जी कर्मचारियों के नाम पर लाखों की हेराफेरी। लेकिन सत्तारूढ़ लोगों के दम पर हर बार मामले रफा-दफा हो जाने के चलते घोटाले बाज सर्वेसर्वाओं के होंसले बुलंद हैं। खास बात यह है कि प्रदेश के कड़क तेवरों वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में यह सब होता आ रहा है लेकिन यहां की सुध लेने वाला कोई नज़र नहीं आता। फर्जी कर्मचारियों के घोटाले पर डाला गया पर्दा इसका जीता-जागता उदाहरण है।
नगर पंचायत का रैन-बसेरा बंद मिला रैन-बसेरे को ताला लगा केयर टेकर गायबभीषण ठंड में निराश्रितों का हुआ हाल बेहाल कोई पुरसाहाल नहीं
