बुलंदशहर : के गांव अकबरपुर में हुआ शायरों का जमावड़ा फरीद भारती की अध्यक्षता और पूर्व एम०एल०ए०खुरजा श्री बुद्ध पाल सिंह के मुख्य आतिथ्य में हुए इस कार्यक्रम का लाजवाब संचालन सैयद अली अब्बास नौगांवी ने अपने खूबसूरत अन्दाज़ में किया। सैयद अली अब्बास नौगाॅंवीं कीनाते पाक के बाद शुरू हुए इस कार्यक्रम में शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम से श्रोताओं को दाद देने पर मजबूर कर दिया।बानगी के तौर पर शायरों का एक-एक शे’र नीचे दिया गया है।ये सियासत बनी इक तवायफ का घर कोई आता रहा कोई जाता रहा –ऐन0मीम0कौसरएक जरा सी बात पै उसने मिलना मिलाना छोड़ दिया हमने भी फिर उसकी गली का आना जाना छोड़ दिया–सैयद अली अब्बास नौगांवी कुछ कदम तुम चलो कुछ कदम हम चलेंदूरियों को हमें अब मिटाना भी हैडा0असलम बुलन्दशहरीआजकल दोस्ती नाम की रह गई प्यार की आड़ में दुश्मनी रह गई डॉक्टर सैयद निज़ामी राही शैदाखूने दिल से जो लिखा नाम तेरा पानी पर बारिशों को भी मिटाने में बड़ी देर लगीइरशाद अहमद शररजुनूं की चाक दामानी हमीं से थी हमीं तक है बहारों की सितम रानी हमी से थी हमें तक हैलियाकत कमालपुरीवक्त की धज्जी उड़ाई वक्त ने धूप से सिगरट जलाई वक्त नेगुफरान राशिद मुहब्बत करने वाले जुल्म तो करते नहीं लेकिनचलो देखें कि इस दिल को दुखाने कौन आता है फहीम कमलापुरीभरोसा रख खुदा पर रिज़्क तुझको मिल ही जाएगा परिंदे और कलंदर रिज़्क को बांधे नहीं फिरते –मोमिन अकबर पुरीमैं ठहरे हुए झील के पानी की तरह हूंसूखे हुए दरिया की निशानी की तरह हूं–अशोक साहब तुम न बैठोगे तो बैठेंगीं तुम्हारी नस्लेंथोड़े छांव के लिए पौधे उगाओ तो सही–सलीम अख्तर रात अंधेरी दूर मंजिल हमसफ़र कोई नहीं हर कदम पर राहजन हैं राहबर कोई नहीं जीपी सिंह सफ़र खुर्जाऔरत को क्यों कहते हैं अबलापति घर आता है तो कहती है साबलापूर्व विधायक बुद्ध पाल सिंह सजगखुर्जा मुशायरा बहुत कामयाब रहा सुनने वालों ने खूब तालियां बजाकर शेयरों का मनोबल बढ़ाया अंत में मुशायरा के कन्वीनर मोमिन अकबरपूरी ने सभी का अभिवादन पेश किया शुक्रिया अदा किया
साहित्यिक संस्था बज़्मे ख़ुलूस ओ अदब के तत्वावधान में गांव अकबरपुर में एक शानदार मुशायरा का आयोजन कल रात मोमिन अकबरपुरी के संयोजन में किया गया।
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