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नगर पंचायत औरंगाबाद में पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों का सिलसिला बदस्तूर जारीआखिर किसकी शह पर हो रहे हैं अवैध कब्जेबिना मिलीभगत अवैध कब्जा असंभव

औरंगाबाद बुलंदशहर : वाकई पूरे जिला बुलंदशहर में औरंगाबाद नगर पंचायत भूमाफियाओं के अवैध कब्जों की सबसे मुफीद जगह बन चुकी है। एक कब्जा रुकता नहीं दूसरी जगह पर अवैध कब्जे की हनक सामने आ जाती है।

एक सप्ताह पूर्व एक भूमाफिया ने स्टेट हाइवे स्थित नगर पंचायत की छः बीधा बेशकीमती करोड़ों की जमीन पर धड़ल्ले से अवैध कब्जा करने की गरज से निर्माण कार्य शुरू करा दिया था।

वो भी तब जबकि इस जमीन पर तत्कालीन जिलाधिकारी रोशन जैकब ने फरजी बैनामा पाते हुए निरस्त कर दिया था।

बामुश्किल शासन के कड़े निर्देश पर जिला प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को बलपूर्वक ध्वस्त कराया। अभी इस गाटा संख्या 1218का मामला निपटा भी नहीं था।

पुलिस चौकी के सामने कांजी हाउस की तीन बीधा बेशकीमती करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला प्रकाश में आया है।

यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर नगर पंचायत की जमीनों पर अवैध कब्जे की निरंतर कोशिशें किसकी शह पर हो रही हैं। जब से नगर पंचायत का नया बोर्ड अस्तित्व में आया है।

नगर पंचायत की जमीनों पर अवैध कब्जे की कोशिशें जरुरत से ज्यादा ही प्रकाश में आ रहीं हैं। इस सबके पीछे आखिर किसका हाथ है इसकी भी जांच पड़ताल अवश्य होनी चाहिए।

नगर की कस्बा चौकी के सामने कांजी हाउस का अस्तित्व काफी पुराना यानि आजादी से भी पहले से ही चला आ रहा है। इस पर भी कब्जा बिना किसी असरदार व्यक्ति की शह पाये सर्वथा असभंव है।

वार्ड 11के सभासद इखलाक उर्फ सूका की शिकायत पर नगर पंचायत ने मामले पर संज्ञान लेकर अवैध कब्जे के आरोपी को नोटिस जारी किया और ई ओ मणि सैनी की मानें तो काम रुकवा दिया।

सोमवार को नायब तहसीलदार स्नेह कुमार तिवारी,ई ओ मणि सैनी राजस्व निरीक्षक पीतम सिंह लेखपाल रोहित शर्मा आदि ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की।

रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देने की बात कहते हुए फिलहाल मामले को टरका दिया गया है। देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा ।

जीत अवैध कब्जे दारों की होती है या फिर योगी आदित्यनाथ जी को ही एक बार फिर अपने कडे तेवर दिखाने को बाध्य होना पड़ेगा।

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