औरंगाबाद के राजकीय यूनानी चिकित्सालय में योगी के आदेश ताक पर खुले आम वसूले जा रहे हैं दवाओं के पैसे

औरंगाबाद : बुलंदशहर समूचे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में भले ही भृष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की योगी सरकार की नीतियों का डंका बज रहा हो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के औरंगाबाद कस्बे में राजकीय यूनानी चिकित्सालय में आने वाले असहाय बेबस‌ गरीब मरीजों और उनके तामीर दारों को जमकर लूटा जा रहा है। मरीजों के साथ खुलेआम हो रही इस लूट खसोट का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि लूट खसोट कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं बल्कि सवा लाख रुपए महीना सरकारी वेतन पाने वालेआयुर्वेदिक चिकित्सक डाक्टर मेहर आलम द्वारा खुद ही अपनी जेबें भरी जा रही हैं।प्रदेश सरकार ने गरीबों को सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की गरज से औरंगाबाद में जहांगीराबाद रोड़ पथवारी मंदिर के समीप राजकीय यूनानी चिकित्सालय खोला हुआ है। सरकारी आदेशानुसार इस चिकित्सालय में आने वाले सभी मरीजों को चिकित्सक द्वारा निशुल्क देखा जायेगा और आवश्यकता अनुसार दवायें भी फ्री में दी जायेंगी। लेकिन इस चिकित्सालय में मौजूदा चिकित्सक डाक्टर मेहर आलम प्रत्येक मरीज़ से बीस रुपए परचा बनाने की एवज में अवैध रूप से वसूल करने के बाद ही मरीज़ को देखते हैं और दवा की कीमत दो सौ ढाई सौ अलग से वसूल कर रहे हैं। मरीजों द्वारा ऐतराज़ जताने पर कहते हैं सरकारी दवायें आती ही कहां हैं हम तो आपकी खातिर बाहर से मंगवा लेते हैं। दवा लेनी है तो पैसे दो वरना दवा बाजार से खरीद लेना। साथ ही बताते हैं कि बाजार में दवा नकली अथवा लोकल कंपनी की मिलेगी हम बिल्कुल ओरीजनल दवा मंगाये हैं अब आपकी मर्जी।इतनी खुली लूट वो भी योगी आदित्यनाथ जैसे कड़क मुख्यमंत्री के कार्यकाल में। कहीं ऐसा तो नहीं कि उच्चाधिकारियों का खुला संरक्षण इस भृष्ट चिकित्सक को प्राप्त हो और यह उनके संरक्षण में ही मरीजों को लूटकर अपने साथ साथ उनकी भी जेबें भर रहा हो।जिला आयुर्वेद निदेशक डॉ वंदना यादव कहतीं हैं कि कुछ मरीजों से उन्हें चिकित्सक की वीडियो रिकॉर्डिंग मिलीं हैं लेकिन लिखित शिकायत किसी की भी नहीं आई है। जांच करा ली जायेगी।

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