शिकारपुर : नगर में बाल्मीकि जयन्ती के पावन अवसर पर महर्षि वाल्मीकि की भव्य शोभायात्रा नगर में निकाली गई बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा भाव से महर्षि वाल्मीकि की पूजा अर्चना की गई श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा से शोभायात्रा का स्वागत किया गया बताते हैं कि महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जिनका नाम रत्नाकर था नारद मुनि के साथ हुई मुलाकात के बाद रत्नाकर का हृदय परिवर्तन हुआ और सत्कर्म का मार्ग चुना हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, रत्नाकर ने अपने पापों की क्षमा मांगने के लिए ब्रह्मा जी का कठोर तप किया तपस्या में लीन रत्नाकर के शरीर पर दीमक की एक मोटी परत चढ़ गई ब्रह्मा जी उनके तप से बेहद प्रसन्न हुए और उनका नाम वाल्मीकि रख दिया एक कथा प्रचलित है कि जब अयोध्या नरेश पुरुषोत्तम श्रीराम ने माता सीता का परित्याग किया तो मां जानकी ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहने लगी थी जहां उन्होंने पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था भगवान विष्णु के अवतार श्री रामचन्द्र के जीवन पर ऋषि वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना की महर्षि वाल्मीकि की शोभायात्रा में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार त्रिपाठी, इंस्पेक्टर राजेश कुमार, एस आई बलराज सिंह, सुनील कुमार, विनय कुमार, नीरज कुमार, आलम, अभिषेक कुमार, सहित भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहा इस मौके पर भाजपा जिला मंत्री राहुल वाल्मीकि, राजीव आर्य, नितिन वाल्मीकि, अरूण वाल्मीकि, आकाश वाल्मीकि, मुकेश वाल्मीकि, अरूण वाल्मीकि, साजन वाल्मीकि, प्रशान्त वाल्मीकि, सोनू वाल्मीकि, सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ।
