बुलंदशहर : श्री श्याम सखा युवा मंडल के तत्वावधान में गंगा मंदिर, सर्राफा बाजार स्थित कथा पंडाल में चल रही 16वीं श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा का आयोजन आज भक्ति और श्रद्धा के वातावरण में संपन्न हुआ।कथा वाचक पूज्य श्री कृष्ण विजय कृष्ण जी महाराज (वृंदावन) ने अपने मधुर कंठ से शुक आगमन, भीष्म स्तुति, कपिल चरित्र एवं ध्रुव चरित्र का दिव्य और भावपूर्ण वर्णन किया।महाराज श्री ने बताया कि शुकदेव जी महाराज के आगमन से ही भागवत कथा का शुभारंभ होता है, जो परम ज्ञान और भक्ति की धारा प्रवाहित करता है। भीष्म स्तुति प्रसंग में उन्होंने बताया कि पितामह भीष्म ने अपने अंतिम समय में भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान कर धर्म, नीति और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।कपिल चरित्र के माध्यम से महाराज श्री ने कहा कि भगवान कपिल का उपदेश “सांख्य योग” का सार है, जो मानव जीवन को आत्मज्ञान और भक्ति मार्ग से मोक्ष की ओर प्रेरित करता है। वहीं ध्रुव चरित्र प्रसंग में उन्होंने छोटे बालक ध्रुव की अद्भुत भक्ति का वर्णन करते हुए बताया कि सच्ची श्रद्धा और अडिग संकल्प से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।कथा के दौरान श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए और “जय श्री राधे – जय श्री श्याम” के जयकारों से पूरा कथा स्थल गुंजायमान हो उठा।कथा में शिवम एवं श्रीमती श्रद्धा ने यजमान के रूप में उपस्थित रहकर विधिवत पूजा-अर्चना और आरती संपन्न की। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में मंडल के संरक्षक गांगुली अजय कुमार वर्मा, पदाधिकारी अतुल कृष्ण, दीपेन गांगुली, अभिनव वर्मा, विकास अग्रवाल और हर्षित तायल ने सक्रिय भूमिका निभाई।आयोजक मंडल ने सभी श्रद्धालुओं से 17 नवंबर तक प्रतिदिन दोपहर 1:00 से 5:00 बजे तक कथा श्रवण हेतु सपरिवार पधारने का अनुरोध किया है।
16वीं श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा का भव्य आयोजन
