बुलंदशहर : के नैथला हसनपुर गांव में चल रही रामलीला का समापन रावण वध और भगवान राम के राजतिलक के साथ हुआ। इस दौरान लाखों की संख्या में दर्शक मंचन देखने पहुंचे।मंचन की शुरुआत राम दरबार की आरती से हुई। इसके बाद युद्ध का क्रम चला, जिसमें पहले कुंभकरण का वध हुआ। रावण ने फिर अहिरावण को युद्ध में भेजा, जिसने राम और लक्ष्मण को मूर्छित कर उठा लिया। हनुमान जी ने उन्हें छुड़ाया और युद्ध में अहिरावण का वध किया।अहिरामन के वध से रावण विचलित हुआ। उसकी पत्नी मंदोदरी ने उसे सीता को लौटाने की सलाह दी, चेतावनी दी कि इससे पूरा परिवार समाप्त हो जाएगा। हालांकि, रावण अपनी हठ पर अड़ा रहा। विभीषण ने भगवान राम को रावण की नाभि में बाण मारने का रहस्य बताया, जिसके बाद युद्ध में रावण का वध हुआ।रावण के वध के बाद लक्ष्मण ने उससे ज्ञान प्राप्त किया। इसके उपरांत, भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता लंका से अयोध्या के लिए निकले। रास्ते में उनकी मुलाकात निषादराज और केवट से हुई।अयोध्या पहुंचने पर भगवान राम का भव्य राजतिलक किया गया, जिसके साथ रामलीला का मंचन संपन्न हुआ।वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी पाठकों को किरदारों को निभाते हैं राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न रावण कुंभकरण मेघनाथ सीता या केके या ऋषि मुनि के पाठ हो सभी पाठकों को गांव के बच्चे बुजुर्ग नौजवान करते हैं जिससे गांव के लोगों को भी सीखने को मिलता है रामलीला के मंचन के दौरान स्थानीय थाने प्रभारी का भी काफी सहयोग रामलीला में मिला
रामलीला का समापन रावण वध और भगवान राम के राजतिलक के साथ हुआ
