फर्जीवाड़ा हुआ साबित ।सौंपी जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट

औरंगाबाद : नगर पंचायत में हुए फर्जीवाड़े पर जांच कमेटी ने लगाई मौहर।
औरंगाबाद बुलंदशहर राजेन्द्र अग्रवाल
योगी जी के राज में औरंगाबाद नगर पंचायत में फर्जी लोगों को नगर पंचायत में कर्मचारी दर्शाकर उनके नाम पर लाखों रुपए महीने वेतन हड़प लिए जाने का गंभीर मामला जांच कमेटी की रिपोर्ट में सही पाया गया है। लगभग दस कर्मचारियों को फर्जी पाया गया है। अधिशासी अधिकारी ने हड़पे गये वेतन की रिकवरी कराये जाने की बात कही है।
औरंगाबाद नगर पंचायत के आधा दर्जन सभासदों वार्ड नंबर चार की तबस्सुम मेवाती पत्नी भूरा मेवाती, वार्ड सात के महेश लोधी वार्ड दो के बब्लू लोधी वार्ड चौदह की संतोष सैनी पत्नी रविन्द्र सैनी वार्ड 11 के इकलाख कुरैशी उर्फ सूका तथा वार्ड तेरह के गौरव कुमार ने अधिशासी अधिकारी को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया था कि नगर पंचायत में अध्यक्ष और ठेकेदार की मिली भगत से लगभग एक दर्जन से अधिक फर्ज़ी कर्मचारियों को तैनात दिखाकर उनके नाम पर लाखों रुपए महीने वेतन हड़प किया जा रहा है। सभासदों ने अधिशासी अधिकारी से जांच कराकर हड़पे गये सरकारी धन को वापस सरकारी खजाने में जमा कराए जाने, फर्जी नियुक्ति दर्शाकर उनके वेतन हड़प करने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने तथा फर्जी लोगों को तत्काल प्रभाव से हटाये जाने की मांग की थी।
मामला प्रकाश में आने पर अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने तीन सदस्यीय जांच समिति बना कर जांच
रिपोर्ट तलब की थी। जांच कमेटी में नगर पंचायत लिपिक किशोरी लाल,विजय सिंह, और सफाई नायक छोटन खां को शामिल किया गया था। जांच कमेटी रिपोर्ट देती उससे पहले ही चेयरमैन और उनके पिता ने नगर पंचायत कार्यालय में सैटिंग करके फर्जी बताये गये कर्मचारियों की परेड का नाटक किया। सभासद गौरव कुमार और इकलाख कुरैशी सूका ने इस प्रायोजित परेड का समर्थन करते हुए अपनी शिकायत पर संतुष्टि जताई। जबकि अन्य चारों सभासदों ने इस प्रायोजित परेड का बायकॉट कर जांच रिपोर्ट देने की बात कही। असंतुष्ट सभासदों ने जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी प्रशासन से मिलकर शिकायत की उच्च स्तरीय जांच पड़ताल करने और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर से मामले की निष्पक्ष जांच पड़ताल कर रिपोर्ट तलब की।
जांच कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में लगभग दस कर्मचारियों की फर्जी तैनाती पकड़ी गई और बिना किसी ज़रूरत बिना किसी काम कराये नगर पंचायत के धन को निकाला जाना दर्शाया गया है।
अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिल गयी है। फर्जी नियुक्ति दर्शाकर उनके नाम पर निकाले गए वेतन की रिकवरी की जायेगी। दोषियों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की संस्तुति की जायेगी।

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