- ब्लाक अधिकारियों की मिली भगत के चलते तीन तीन महीने तक नहीं मिलता पुष्टाहार
- योगी सरकार की योजना पर लगा है पलीता
औरंगाबाद (राजेन्द्र अग्रवाल) : प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों की सहायतार्थ पुष्टाहार वितरण योजना चलाई हुई है। इसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों द्वारा सरकारी पुष्टाहार उठा कर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषण के शिकार बच्चों को पुष्टाहार वितरण किया जाता है लेकिन ब्लाक लखावटी अंतर्गत ग्रामों में पुष्टाहार वितरण में जमकर धांधली की जा रही है। ब्लाक अधिकारियों की मिली भगत से जहां एक ओर महिलाओं व बच्चों को तीन तीन महीने से पुष्टाहार से वंचित रहने को बाध्य होना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर अधिकारी कर्मचारियों द्वारा पुष्टाहार ब्लैक में बेच कर मोटा मुनाफा कमाया और सरकार की योजना को खुलकर पलीता लगाया जा रहा है।
ग्राम चरौरा मुस्तफाबाद में मंगलवार को ढेरों महिलाओं ने ग्राम प्रधान डौली कश्यप के आवास पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया और पुष्टाहार नहीं मिलने की शिकायत की। महिला प्रधान ने ब्लाक सीडीपीओ से फोन वार्ता की तो उन्होंने किसी भी तरह की अनियमितता बरते जाने से स्पष्ट इंकार कर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का पक्ष लिया।
सीडीपीओ संगीता से फोन संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि हर माह पुष्टाहार वितरण किया जा रहा है। फिर बोली कि जुलाई में नहीं आया था। फिर कहा कि अगस्त का वितरित किया जा रहा है।
इस विरोधाभास के चलते साफ जाहिर है कि पुष्टाहार वितरण में गोलमाल किया जा रहा है। यदि ब्लाक लखावटी अंतर्गत सभी ग्रामों में पुष्टाहार वितरण का उच्चस्तरीय सत्यापन मौके पर पहुंचकर कराया गया तो धांधली और गोलमाल का खेल सामने आते देर नहीं लगेगी। एक जानकार का कहना है कि पुष्टाहार की असलियत देखनी है तो गांवों में परचून की दुकानों की जांच पड़ताल शुरू करें गरीबों और गर्भवतियों का पुष्टाहार वहां खुलेआम बिक रहा है।