भागवत कथा महोत्सव में राजा परीक्षित की भय मुक्ति प्रसंग का वर्णन शिव पार्वती विवाह का मनोहारी दृश्य देख भावविभोर हुए श्रृद्धालु

औरंगाबाद : बुलंदशहर प्राचीन नागेश्वर मंदिर परिसर स्थित रामलीला मैदान में चल रही भागवत कथा महोत्सव के दूसरे दिन राजा परीक्षित की कथा और शिव पार्वती विवाह का वर्णन सुनकर सैकड़ों श्रृद्धालु भावविभोर हो उठे। भक्ति गीतों से सराबोर हो कर श्रृद्धालुओं ने देर तक भागवत कथा का श्रवण किया।दूसरे दिन की कथा का शुभारंभ वरिष्ठ समाजसेवी भाजपा नेता प्रमोद लोधी बौम्बे भाई ने बतौर मुख्य अतिथि व्यास गद्दी का पूजन करके किया। आयोजकों ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। श्री धाम वृंदावन से पधारे भगवताचार्य कथा व्यास सोनेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने राजा परीक्षित की कथा सुनाई और बताया कि ऋषि शाप के चलते राजा परीक्षित को मात्र एक सप्ताह में तक्षक नाग से डसे जाने और मृत्यु को प्राप्त होने का भय सताने लगा था। इसके चलते उन्होने गंगा तट पर यज्ञ किया।यज्ञ में शुकदेव ऋषि को भी आमंत्रित किया गया था। शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत कथा श्रवण कराया और उनके भय को दूर किया। शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत का पुराण बताया और कहा कि य। मोक्ष प्रदान करती है।तब राजा परीक्षित ने भगवान का स्मरण करते हुए मृत्यु को सहर्ष स्वीकार कर मोक्ष प्राप्त किया। कथा में शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई गई और शिव पार्वती विवाह संपन्न हुआ। कथा व्यास जी ने नागेश्वर मंदिर के महंत आचार्य कुलदीप शास्त्री एवं अविनाश शास्त्री का माल्यार्पण कर स्वागत सत्कार किया।प्रमोद लोधी बौम्बे भाई, दुलीचंद सैनी राजेश गोयल पंडित कृष्ण भारद्वाज गोलू पंडित सारंग पंडित चेतन कंसल विजय कंसल वीरेंद्र सिंह गुड्डू पीतम सिंह राहुल सैनी आदि सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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