बुलंदशहर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भूड़ द्वितीय बस्ती में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने घोष की मधुर ध्वनि के साथ कदम से कदम मिलाते हुए अनुशासन और एकता का अद्भुत प्रदर्शन किया। पथ संचलन के दौरान स्थानीय नागरिकों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरा क्षेत्र “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के जयघोष से गुंजायमान रहा।
पथ संचलन से पूर्व आयोजित सभा में मुख्य वक्ता यशपाल जी (प्रांत संयोजक, सामाजिक समरसता, आरएसएस), कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर जी तथा माननीय नगर संघचालक विनोद जी मंचासीन रहे। कार्यक्रम में हितेश जी (प्रांत सह जनसंवाद प्रमुख, पर्यावरण संरक्षण, आरएसएस), संदीप गांधी जी (नगर धर्मजागरण प्रमुख), मोनू जी (बस्ती प्रमुख) और बसंत जी की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
मुख्य वक्ता यशपाल जी ने समाज में समरसता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वामी विवेकानंद से जुड़ा प्रेरक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि जब एक जूते बनाने वाला व्यक्ति स्वामी जी के पास पहुंचा और स्वयं को समाज का सबसे नीच बताया, तब स्वामी जी ने उसे समझाया कि प्रत्येक कार्य ईश्वर की साधना है और समाज में कोई ऊँच-नीच नहीं है। इस प्रेरक प्रसंग के माध्यम से उन्होंने समानता, परस्पर सम्मान और सामाजिक एकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों ने शताब्दी वर्ष के इस ऐतिहासिक अवसर को संगठन की विचारधारा, अनुशासन और सामाजिक समरसता के प्रति अपने अटूट समर्पण का प्रतीक बताया। स्थानीय नागरिकों ने पथ संचलन का उत्साहपूर्वक स्वागत करते हुए संघ के अनुशासन, संगठनात्मक शक्ति और देशभक्ति की भावना की सराहना की।