रामलीला में दशरथ कैकई संवाद तथा मंथरा व कैकई संवाद, राम बनवास की लीला का मंचन हुआ

बुलंदशहर : रामलीला में दशरथ कैकई संवाद तथा मंथरा व कैकई संवाद, राम बनवास की लीला का मंचन हुआ।

श्रीराम कथा के अयोध्या कांड में वर्णित दासी मंथरा व कैकई संवाद, मंथरा कैकई से कहती है कि राजा दशरथ आप से अधिक प्रेम करते हैं कौशल्या को उससे जलन होती है इसलिए उसने जाल फैलाकर साजिश के तहत राम के राजतिलक के लिए समय सुनिश्चित किया है।

कैकेई कोप भवन में चली जाती है और वहां जाकर पूरे भवन को अस्त व्यस्त कर जमीन पर सो जाती है। तब राजा दशरथ कोप भवन में आते हैं और कैकेई से उसकी उदासी का कारण पूछते हैं।

कैकेई कहती है जब देवासुर संग्राम में रक्षा की थी तब आपने मुझे दो वर देने की बात कही थी। पहले वचन में कैकेई भरत का राज्य अभिषेक तथा दूसरे में राम को 14 वर्ष का वनवास माग लेती है।

यह सुनकर राजा दशरथ बड़े दुखी होकर विलाप करते हैं। कैकेई तुमने यह क्या मांग लिया,राम मुझे प्रॉड से भी प्यारा है,परंतु होनी को कौन टाल सकता है।

भगवान राम कौशल्या मां से वन जाने के लिए आज्ञा लेते हैं। तब राम लक्ष्मण सीता तीनों वन जाने को तैयार हो जाते हैं। यह ²श्य देखकर सभी लोग भावुक हो जाते हैं। रामलीला मंचन में, नीरज जिंदल, दिनेश अग्रवाल मनमोहन गुप्ता, अमित मित्तल आदि शामिल रहे।

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