बुलंदशहर : से वाहलिमपुरा, 29 मई 2025 – जालान शिव मंदिर, वाहलिमपुरा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आज सातवाँ और अंतिम दिन था। पूज्य डॉ. शंकरानंद सरस्वती जी महाराज के श्रीमुख से निकली अमृतमयी कथा ने उपस्थित सैकड़ों भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा के अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के विवाह, स्यमंतक मणि की कथा, शंभरासुर का वध, उषा-अनिरुद्ध विवाह, पौंड्रिक का उद्धार और द्विविद वानर का बलराम जी द्वारा उद्धार जैसे प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया गया।कथा का मुख्य आकर्षण भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी के मिलाप का अत्यंत भावुक और मार्मिक दृष्टांत रहा, जिसने सभी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। महाराज श्री ने बताया कि कैसे अत्यंत गरीब सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर, मात्र मुट्ठी भर सूखे चावल लेकर अपने बालसखा, द्वारकाधीश कृष्ण से मिलने द्वारका पहुँचे। द्वारपालों द्वारा रोके जाने पर भी, जैसे ही कृष्ण को सुदामा के आने का पता चला, वे नंगे पैर दौड़ते हुए महल से बाहर आए और अपने फटेहाल मित्र को गले लगा लिया। कृष्ण ने स्वयं अपने मित्र के चरण धोए और उन्हें सम्मानपूर्वक अपने पास बिठाया।महाराज श्री ने आगे बताया कि सुदामा संकोचवश अपनी दरिद्रता बता नहीं पाए, लेकिन कृष्ण ने उनकी पोटली से सूखे चावल निकालकर बड़े चाव से खाए। सुदामा ने कुछ भी माँगा नहीं, और कृष्ण ने भी सीधे कुछ नहीं दिया। लेकिन जब सुदामा वापस अपने गाँव लौटे, तो उनकी झोपड़ी की जगह एक भव्य महल खड़ा था और उनका परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण था। डॉ. शंकरानंद सरस्वती जी महाराज ने इस प्रसंग के माध्यम से बताया कि सच्ची मित्रता और भक्ति में कोई स्वार्थ नहीं होता, और ईश्वर अपने भक्तों की आवश्यकताएँ बिना माँगे ही पूरी कर देते हैं।कथा के दौरान स्वामी हरिनारायण गिरी जी के भजनों पर सभी श्रोतागण खूब झूम उठे। कथा के आयोजक श्री ओमप्रकाश जालान जी ने सभी उपस्थित भक्तों, भारत विकास परिषद बुलंदशहर गौरव के सदस्यों, राष्ट्र चेतना मिशन के सदस्यों, श्री हेमंत सिंह, श्री संजय बिसारियों, श्री अनिल माहेश्वरी, वैद्य महेश्वर नाथ, श्री राकेश मित्तल, श्री राजेंद्र अग्रवाल, श्री मित्तल, श्रीमती ज्योति, श्रीमती तरंग सहित सैकड़ों भक्तगणों का सम्मान एवं धन्यवाद किया।उन्होंने बताया कि कथा के समापन के उपलक्ष्य में कल, 30 मई 2025 को सुबह 10 बजे हवन और दोपहर 12 बजे से भगवान के भंडारे एवं प्रसाद का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं को सादर निमंत्रण दिया।
जालान शिव मंदिर, वाहलिमपुरा में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन: कृष्ण-सुदामा मिलाप ने किया भावविभोर
