औरंगाबाद : बुलंदशहर नगर पंचायत औरंगाबाद की लाखों करोड़ों की सरकारी जमीन पर रातों रात दबंग भूमाफिया ने अवैध कब्जा कर लिया। नगर पंचायत के भृष्ट अधिकारियों को कानों-कान खबर तक नहीं लगी या यों कहिए कि मोटी कमाई करने वालों ने अपने आंख कान खुद ही मूंद लिए। भृष्टाचार रिश्वत खोरी और हेराफेरी में माहिर राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने तो फोन उठाने तक की जहमत नहीं उठाई।कस्बे में सरकारी जमीनों पर दबंग भूमाफियाओं के अवैध कब्जे शासन प्रशासन के अधिकारी रोकने में सक्षम प्रतीत नहीं हो पा रहे। क्योंकि दबंग भूमाफियाओं को भृष्ट अधिकारियों कर्मचारियों का खुला संरक्षण मिला हुआ है।ताज़ा तरीन मामला नगर पंचायत की सरकारी जमीन पर जहांगीराबाद रोड पर गाटा संख्या 1779 -1758 में हुए अवैध कब्जे का है! कुछ दिन पहले इस बेशकीमती जमीन पर दबंग भूमाफिया ने अवैध कब्जा करना शुरू किया। जागरूक नागरिकों ने मामले की जानकारी अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर तथा नाबब तहसीलदार लेखपाल आदि को दी। जहां एक ओर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन नगर पंचायत औरंगाबाद की बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया वहीं नगर पंचायत अधिकारी ने एक बाबू को नोटिस जारी करने के मौखिक आदेश देकर कन्नी काट ली। अधिकारियों की शह पर रातों रात लैटर डाल कर अवैध कब्जा कर लिया गया। गौरतलब है कि इस जमीन पर अधिवक्ता प्रदीप कुमार लोधी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जन हित याचिका दायर की हुई है और उच्च न्यायालय में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने जमीन को नगर पंचायत की मिल्कियत स्वीकार किया। फैसला विचाराधीन होने के बाबजूद अवैध कब्जा करना और कराना न्यायालय की अवमानना नहीं तो और क्या है। मामले को अधिवक्ता प्रदीप कुमार लोधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजकर दोषी पाए जाने पर तमाम अधिकारियों कर्मचारियों को दण्डित करने की मांग की है। अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने बताया कि वे एक पारिवारिक शादी में व्यस्त हैं। टैक्स कलैक्टर नेमपाल सिंह ने बताया कि दो बार नोटिस जारी किया गया लेकिन कब्जे दार ने कोई जवाब नहीं दिया। लेखपाल नरेश कुमार ने कहा कि एस आई आर में व्यस्त हैं बुधवार को आकर देखते हैं।
सरकारी भूमि पर रातों रात हो गया अवैध कब्जा भृष्ट अधिकारियों कर्मचारियों ने साध लिया मौनमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगाई अधिवक्ता ने जांच की गुहार
