बुलंदशहर : में भारत की आजादी के बाद जब पूरा देश रियासतों, मतभेदों और अस्थिरता के बीच दिशा खोज रहा था, तब सरदार वल्लभभाई पटेल दृढ़ता, निर्णय क्षमता और अटूट राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बनकर खड़े हए। सरदार पटेल एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने न तलवार से, न जंग से, बल्कि अपनी अटल इच्छाशक्ति और राजनीतिक बुद्धिमत्ता से 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को अखंड बनाया। आजादी के बाद भारत की जो तस्वीर हम देखते हैं, एक मज़बूत, एकीकृत राष्ट्र, वो दरअसल पटेल के लौह-संकल्प का परिणाम है। यही कारण है कि उन्हें न केवल “भारत का लौह पुरुष” कहा गया, बल्कि वे आज भी राष्ट्र-निर्माण के सबसे प्रेरणादायक स्तंभों में से एक माने जाते हैं उक्त विचार अपना दल एस बुलंदशहर के जिला अध्यक्ष राजकुमार भुर्जी ने अपना दल एस बुलंदशहर के काला आम स्थित जिला कार्यालय पर आयोजित सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।जिला अध्यक्ष ने कहा सरदार पटेल का जीवन सरल था, परंतु विचार कठोर थे। वे न तो बड़े भाषणों में विश्वास रखते थे, न दिखावे में। उनका मानना था कि राष्ट्र निर्माण शब्दों से नहीं, कर्म से होता है।आज के युग में जहाँ विभाजन और स्वार्थ की राजनीति हावी है, वहीं सरदार पटेल हमें याद दिलाते हैं कि एकता, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा ही सच्ची देशभक्ति है। उनका जीवन इस बात का साक्ष्य है कि मजबूत राष्ट्र का निर्माण किसी एक नेता से नहीं, बल्कि मजबूत इच्छाशक्ति वाले नागरिकों से होता है। कार्यक्रम में सरदार पटेल की चित्र पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजकुमार भुर्जी तथा संचालन जिला महासचिव खालिक अंसारी ने किया।कार्यक्रम में मुख्यरूप से राजकुमार भुर्जी, खालिक अंसारी, पुरूषोतम सैन, मोहित शर्मा, हामिद अली सैफी, गोपाल शर्मा,हाजी सबील अंसारी, नीरज शर्मा, दीपक गौतम, कपिल कुमार,जितेन्द्र लोधी,शिवकुमार लोधी, शिवम् लोधी, श्यौराज गौतम, भगवत जाटव, डॉ प्रशांत माहुर लोधी,सौरभ कुमार,विजय चौहान,जितेन्द्र कुमार,अर्जुन कुमार, बबलू सिंह,विमल कुमार,हितेश लोधी,आरिफ,हाजी नईम,मोहम्मद साजिद,सचिन,आदि उपस्थिति रहे।कार्यक्रम के उपरांत समाजसेवी श्री राजाराम जी तथा समाजसेवी विजय चौहान जी को माला पहनाकर तथा सरदार पटेल की चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
अपना दल एस जिला कार्यालय पर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई
