बुलंदशहर : में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं समता आयुर्वेदिक सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर आयुर्वेद अग्निकर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन 9 अक्टूबर व 10 अक्टूबर को किया जाएगा ।शिविर के विषय में बताते हुए क्षारसूत्र एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ व शिविर संयोजक वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि अग्निकर्म आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा तकनीक है जो रोग औषधि एवं शल्य चिकित्सा के द्वारा भी ठीक नहीं हो पाते वो रोग अग्निकर्म चिकित्सा द्वारा ठीक जाते है ।अग्निकर्म में मिश्रित धातु से बनी शलाका द्वारा शरीर के प्रभावित भाग पर चिकित्सा दी जाती है ।वास्तव में अग्निकर्म से चिकित्सा करने पर रोगी को कोई विशेष प्रकार का कष्ट का अनुभव नहीं होता ,यही नहीं यदि रोगी अपनी आंखें बंद रखें तो उसे अक्सर पता भी नहीं चलता कि अग्निकर्म कर दिया गया है ।इन रोगों में है लाभदायक—गर्दन का दर्द ,स्लिप डिस्क ,कंधे एवं हाथ का जकड़ना ,जोड़ों का दर्द ,कमर का दर्द ,घुटनों का दर्द ,साइटिका का दर्द ,गठिया बाय ,एड़ी का दर्द ,कोहनी का दर्द, कलाई का दर्द ,कूल्हे एवं पैर के जोड़ों में रक्त संचार में कमी (AVN),पैरों में होने वाली कीले ,एवं मस्से(वार्ट) आदि रोगों में अग्निकर्म चिकित्सा से विशेष रुप से लाभ मिलता है ।अग्निकर्म चिकित्सा शिविर के लिए राजस्थान के जालौर से डाक्टर श्रीराम अग्निकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में मुख्य चिकित्सक रहेंगे ।शिविर के लिए पंजीकरण 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक को समता आयुर्वेदिक सेन्टर पर सुबह 10:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक किए जाएंगे ।

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