बुलंदशहर : दुनिया से अलविदा कहने से पहले गाँव में शिक्षा की अलख जगा गई सलीमन अम्मासम्पूर्ण साक्षरता मिशन की मुहिम के तहत आज नवसाक्षरता परीक्षा कराई गई जिसमें जिलेभर के प्राथमिक विद्यायल को केन्द्र बनाकर इस परीक्षा का आयोजन किया गया इस परीक्षा में उम्र की कोई सीमा नही होती और हर उम्र के लोगों को साक्षर भारत की मुहिम में शामिल किया जाता है इसी श्रृंखला में प्राथमिक विद्यालय चावली मे भी परीक्षा कराई गई जिसमें 12 ऐसे लोगों ने हिस्सा लिया जिनकी पढ़ाई की उम्र निकल चुकी थी जिसमे 71 साल की गायत्री देवी भी शामिल रही खास बात यह है कि गायत्री देवी ना सिर्फ़ फर्राटे से किताब पढ़ लेती है बल्कि गणित के सवालों को भी आसानी से हल कर लेती गायत्री देवी पिछले कुछ सालों से प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के साथ पढ़ रही है गौरतलब है कि इसी विद्यालय में 92 साल की सलीमन भी साक्षर बनी और देश ही नही दुनिया भर की मीडिया में छाई रही हालांकि सलीमन का बीमारी के चलते हाल ही में निधन हो गया लेकिन सलीमन से प्रेरित होकर गांव की बुजुर्ग महिला शिक्षा की ओर आकर्षित हुई है 71 साल की गायत्री देवी कहती है कि 92 साल की सलीमन ने जिस तरह जिले की नवसाक्षरता मिशन की ब्रांड एंबेसडर बनकर गांव का नाम देश विदेश में रोशन किया है उसी तरह अब हम भी देश के विकास में सहभागी बनेंगेनवसाक्षरता मिशन में बेहतर प्रदर्शन के लिए विभाग और जिलाधिकारी चंदप्रकाश सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र पाने वाली प्राथमिक विद्यालय चावली की प्रधानअध्यापिका डॉ प्रतिभा शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ लक्ष्मीकांत पाण्डे और नवसाक्षरता मिशन के जिला कॉर्डिनेटर हेमेन्द्र मिश्रा का कुशल नेतृत्व ही इस कामयाबी की वजह है जिससे प्रेरित होकर मैंने इस मिशन को कामयाब बनाने का हर सम्भव प्रयास किया हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों को शिक्षा की ओर आकर्षित करना टेढ़ी खीर है लेकिन मैं अपने दृढ़ संकल्प के साथ इस मुहिम को पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ाती रहूंगी।

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