शिकारपुर : नगर के सूरजभान सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में नवरात्रि महोत्सव के पावन अवसर पर विद्यालय में चल रहे नव दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यक्रम की संयोजिका कुमारी अखिलेश मीणा, एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभात कुमार गुप्ता, ने सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं मां कुष्मांडा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए चतुर्थ दिवस पर मां कुष्मांडा की उपासना की गई तथा विद्यालय की बहनों ने मां कुष्मांडा का रूप धारण कर उनके अस्तित्व की जानकारी कराई l और भारतीय संस्कृति से अवगत कराते हुए मां कुष्मांडा के विभिन्न रूपों की जानकारी दी तथा कार्यक्रम की संयोजकता कुमारी अखिलेश मीणा, ने चौथे नवरात्रि के पर्व पर मां कुष्मांडा एवं देवी दुर्गा के नौ रूपों का विस्तार से वर्णन करते हुए उनके नौ नाम का आवाहन कर बताया मां कुष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग, शोक, आदि मिट जाते हैं जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थीl और यही सृष्टि की आदि स्वरूपा आदि शक्ति है इनका निवास सूर्य मण्डल के भीतर के लोक में है वहां निवास करने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है इनके शरीर की कांति और प्रभावी सूर्य के इनके तेज पर प्रकाशित दसों दिशाएं प्रकाशित हो रही है सभी वस्तुओं प्राणियों में सबसे तेज इन्हीं की छाया है मां की आठ भुजाएं है इनके साथ हाथों में क्रमशः कमंडल ,धनुष, बाण, कमल अमृत पूर्ण कलश, चक्र, और गदा, आदि समान है संसार में इनकी महिमा का आज तक कोई पार नहीं पाया है इनकी शक्ति से ही संसार की सभी उम्मीदें टिकी हुई है तथा उनके आठबे हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है इसके जाप करने से मनुष्य के सम्पूर्ण आप कष्ट दूर हो जाते है अंत में कार्यक्रम की संयोजक, ने बताया कि हम भारतीय संस्कृति की भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों को विद्यालय में कराया जाता है जिससे इस समय की युवा-पीढ़ी अपनी संस्कृति से उत्प्रोत हो सके पंचम दिवस पर स्कंदमाता की आराधना की जाएगी तथा विद्यालय की छात्रा इसी प्रकार झांकी के माध्यम से स्कंदमाता के रूप से अवगत कराएंगी
इस मौके पर विद्यालय का समस्त स्टाफ मौजूद रहा ।
