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मुखयमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी की यूनिफॉर्म से डर्टी है

बुलंदशहर : आज दिनांक 17- 10- 2023 को बुलंदशहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की रैली में आंगनवाड़ियों की पहचान आंगनवाड़ियों की यूनिफॉर्म को छुपाया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को कई दिन पहले से ही
बाल विकास परियोजना अधिकारी के द्वारा
सूचित कराया गया, कि मुख्यमंत्री जी का बुलंदशहर मैं आयोजित प्रस्तावित कार्यक्रम है उसमे हर गांव गांव में बस लगी हुई है जिसमें आप सभी समय से और बिना ड्रेस में मुख्यमंत्री जी की रैली में प्रतिभा करें तथा
प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में कोई भी महिला प्रतिभागी काले रंग/गहरे हरे/ गहरे नीले या जो काले रंग जैसे कपड़े बिलकुल न पहनकर महिला सम्भेलन में प्रतिभाग के लिए ना आए। किसी भी दशा में इन रंगों के कोई भी वस्त्र सूट साड़ी चुन्नी ,बुर्का , ब्लाउज,(रुमाल भी साथ काला सा बैग साथ न ले अथवा पहन कर न आए )। अन्यथा पुलिस प्रशासन प्रवेश नही देगा।
वहीं बताया गया कि सभी की उपस्थिति अति आवश्यक है हर ब्लाक की आंगनबाड़ियों को बैठने के लिए अलग ब्लॉक बना है ,जैसे अनूपशहर की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बैठने के लिए ब्लॉक -D मिला है।
वही आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी, सहायिका संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री चौधरी ने कहा की आंगनवाड़ी अगर कहीं भी विदाउट यूनिफार्म चली जाती है तो उस पर फाइन लगा दिया जाता है, और मानदेय काटने की धमकी दे दी जाती है। बहुत ज्यादा डराया धमकाया जाता है। जब सरकार ने यह यूनिफॉर्म आंगनबाड़ियों को दी है। वहीं आंगनबाड़ियों की ड्रेस से सरकार डरती क्यों है? महिलाओं के नाम पर आंगनबाड़ियों की भीड़ को जुटाया गया।
आंगनबाड़ियों को हर विभाग के काम में लगा देना कहां का न्याय है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की आंगनबाड़ियों से बाल विकास के अलावा कोई कार्य न कराया जाए, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि आंगनबाड़ियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन और ग्रेच्युटी दी जाए, लेकिन सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ऐसे हो गए हैं जैसे पंचायत के फैसले।
सावित्री चौधरी ने आंगनबाड़ियों की न्यायोचित मांगो का ज्ञापन मुख्य्मंत्री को सौंपने
के लिए जिलाधिकारी महोदय से परमीशन मांगी थी। लेकिन नही दी गई, हुआ यूं कि पुलिस ने सावित्री चौधरी के घर को छावनी बना दिया, चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई फोन सर्विलेंस पर लगवा दिया और घर में ही नजर बंद कर दिया गया।
मै पूछना चाहती हूं सरकार से कि 2अक्टूबर 1975 से नोनिहालो का शिक्षण पोषण कर देश के लिए भावी कर्णधार को तैयार करने वाली आंगनवाड़ी क्या महिलाएं नही है इनको केवल भीड़ के लिए इक्कठा किया जाता है ।
महिला उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण की पक्षधर उत्तर प्रदेश सरकार को ये आंगनवाड़ियाँ महिलाएं नजर नही आती, अल्प मानदेय देकर इनका शोषण करने वाली सरकार को शर्म आनी चाहिए

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