बुलंदशहर जिला कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी बुलंदशहर शहर में दिनांक 25 मार्च 2025 को नुमाइश की रविन्द्र नाट्यशाला

बुलंदशहर : में अज़ीम उशशान महफिले मुशायरा कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया जिसके मेहमाने जीवक़ार शख्ससियत जनाब शफाअत हुसैन साहब, डाइरेक्टर वक़्फ़ विकास परीषद उत्तर प्रदेश वो सरफ़राज़ अली मेंबर ऑफ़ हज कमेटी नॉएडा, डॉ सुधीर अग्रवाल ने शमा रोशन की ज़िला पिदर्शनी के उपाध्यक्ष ठाकुर सुनील सिंह व नदीम अख्तर , डॉ सैय्यद निज़ामी शैदा राही कनवीनर ओप्रोग्राम ने और डॉ देवेंद्र देव मिर्ज़ापुरी चंद मिया सिद्दीक़ी ज़िला सूचना अधिकारी राजेंदर अग्रवाल,वगेरा ने रिबन काटकर माँ सरस्वती की प्रतिमा पर हार पहनाकर वो दीप जला कर उद्घाटन किया जब के देहली से आये मेहमान शायर सैयद अली अब्बास नोगाॅंवीं व डॉ अलोक बेजान ने सांयुक्त रूप से संचालन किया ! प्रोग्राम के कनवीनर रहे डॉ सैय्यद निज़ामी शैदा राही ने मेहमाने जीवक़ार जनाब शफाअत हुसैन व सरफ़राज़ अली का मोमेंटो देकर वो शॉल देकर स्वागत किया प्रोग्राम की शुरुआत , आगाज़ सैय्यद अली अब्बास नौगांवी की नाते पाक व डॉ कमल किशोर की माँ सरस्वती वंदना द्वारा किया गया, डॉ. निज़ामी शैदा राही ने अपने विशेष अंदाज़ में ये ग़ज़ल सुनकर वाह वही लूटी व तालियां बटोरी, सोचले पहले ज़रा हमको मिटाने वालेहम ही तन्हा हैँ तेरे नाज़ उठाने वालेदेहली से आये मेहमान शायर सैय्यद अली अब्बास नौगांवी ने अपनी ये ग़ज़ल सुनकर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया जुल्म के मुकाबिल जो सर नहीं झुकते हैंबस वही तो दुनिया में इंकलाब लाते हैंऐन. मीम कौसर, मुन्तज़िर है जो चौखट पर तेरे लिए एक मां के सिवा दूसरा कौन हैडॉ अलोक बेजानशचंद टुकड़ों में ये करता है हिफाज़त घर की इतना सस्ता कोई दरबान कहाँ मिलता हैडॉ इरशाद अहमद शरर खाक में मिल गयीँ आरज़ूऐं शररदौरे हस्ती में अब किया शबाब आएगाराजेश राज वर्मा जाने क्यूं बे मौत माररहे हैँ लोगआज ही अपने कल से डररहे हैँ लोगडॉ देवेंद्र देव मिर्ज़ापुरीये बुलंदशहर है बुलंदशहर है बिखरी है सौहार्द भावना भरा पिया का घर है ये बुलंदशहर शहर हैवीरेंद्र चौहान हूशनाम में चाय वाला हूँ नाम में गाय वाला हूँ मैं तो बस छोटी सी आय वाला हूँसंगीता अहलावत जीवन की सुनी भाग्य में, खुशयों के रंग छा जाएँ काश पुराने दिन जो गुज़रे वापस फिर से आजायें बुधपाल सिंह सजगमतलबी हो गया है इंसान इतना, गधे को भी बाप बना ता है इनके अलावा फहीम कमालपुरी, लियाक़्त कमल पुरी, सुमन बाहर, सुनील शास्त्री, डॉ कमल किशोर भारद्वाज, कांता भारती, अनूप शर्मा ध्रुव , किरन प्रभा,आदि ने शेरो शयरी वो काव्य पाठ करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया कार्यक्रम के अंत में डॉ निज़ामी शैदा रही ने सभी का आभार वियाकत किया प्रोग्राम का समापन देर रात्रि 2बजे किया गया

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *