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आयुर्वेद में है गुर्दा रोग की सफल चिकित्सा : वैद्य हितेश

बुलंदशहर : आज शुक्रवार 3 मार्च से रविवार 5 मार्च तक यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेद केंद्र पर तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए क्षारसूत्र एवं पञ्चकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि सभी ऋतुओं में वसन्त ऋतु को ऋतुराज की संज्ञा दी गई है।परन्तु थोड़ी सी लापरवाही अनेक प्रकार के रोगों को बुलावा दे दती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में दिन में धूप की तीव्रता के कारण कफ द्रवीभूत हो जाता है जिससे पाचकाग्नि मन्द हो जाती है । जोकि अनेकानेक रोगों का कारण है। गुर्दा रोगों के लिए मधुमेह ,हाई ब्लड प्रेशर, अधिक समय तक बुखार आना, मंदाग्नि,अधिक समय तक दर्द निवारक औषधियों का सेवन करना एक कारण बन जाता है । इसमें निद्रा का बहुत बड़ा योगदान है, निद्रा सही समय पर लेनी चाहिए । समय-समय पर पंचकर्म चिकित्सा लेते रहना चाहिए ।पंचकर्म चिकित्सा से शरीर में रुकी हुई अशुद्धियां शरीर से बाहर निकल जाती हैं और शरीर डिटॉक्स हो जाता है ।इससे हमारा गुर्दा सही कार्य करने लगता है।

वैद्य हितेश कौशिक ने लोगों को तेज मिर्च मसाले युक्त भोजन, फास्ट फूड ,जंक फूड, मावे की मिठाईयां एवं पकवान ना लेने के बारे में भी सलाह दी । होली के पर्व के साथ ही बाजार में सभी प्रकार के भोज्य पदार्थों में भारी मिलावट होती है।इसलिए घर पर बने हुए भोज्य पदार्थों का ही प्रयोग करें।

वसन्त ऋतु के प्रभाव से पाचन कमजोर होने के कारण पाइल्स एवं अन्य गुदा रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
इसके लिए हल्का भोजन लेना चाहिए, फलों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए ।हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए ।जितनी प्यास लगी हो उतना ही पानी पीना चाहिए।अधिक पानी का सेवन भी हानिकारक होता है।जितना हो सके गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। मट्ठा का प्रयोग विशेष रूप से करना चाहिए।

शिविर में 175 रोगियों ने चिकित्सा लाभ लिया। जिनमें अधिकांश रोगी सूखी खांसी, जुकाम,पाइल्स, भगन्दर, फिशर, मंदाग्नि, हाइपोथायरायडिज्म,माइग्रेन ,चर्मरोग एवं सियाटिका के रोगी रहे। शिविर में संतोष, सुमन ,कांति, आदि का विशेष सहयोग रहा।

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