शिकारपुर : अहमदगढ़ रवी उल अब्बल के महीने की 12 तारीख को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्यौहार इस्लाम धर्म के अनुयायी बड़ी ही शिद्दत से मनाते है क्योंकि ये दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है इसलिए इस दिन की प्रतीक्षा ना केवल भारत में होती है बल्कि इस दिवस का इंतजार इस्लामिक देशों में भी विशेष तौर पर किया जाता है इस दिन पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म 8 जून, 570 ई. को मक्का में हुआ था इस दिन लोग पैगम्बर साहब के उपदेशों को याद करते है माना जाता है कि इस दिन जो भी उनके बताए गए रास्तों पर अमल करता है वो खुदा के और करीब हो जाता है कुछ देशों में इस पर्व को ईद मिलाद भी कहते है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी इस्लामी पंचांग के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12 वें दिन मनाया जाता है विदित हो कि मिलाद या मौलिद का अर्थ अरबी में जन्म से है ये दिन शिया और सुन्नी संप्रदाय अलग-अलग तरह से मनाते है अहमदगढ़ के मुख्य रास्तों से एक डीजे के साथ नारे-ए तकबीर अल्लाह हो अकबर नारों के साथ आवाज बुलन्द कर बड़ी मस्जिद पर एकत्रित हुए और मुख्य मार्गो से होते हुए वापस मस्जिद पर जुलूस का समापन हुआ इस बीच जुलूस में शांति व्यवस्था हेतु अहमदगढ़ थाना प्रभारी राजेश कुमार, मय पुलिस बल के मौजूद रहे वही दूसरी ओर खैलिया गांव भी 12 रवी उल अब्बल पर हुजूर की शान में निकला जुलूस ए-मोहम्मदी इस मौके पर अहमदगढ़ थाना पुलिस बल शान्ति व्यवस्था में तैनात किया गया था ।
12 रवी उल अब्बल पर अहमदगढ़ में हुजूर की शान में निकला जुलूस ए-मोहम्मदी
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