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नई प्रजातियों का गन्ना चीनी मिल पर ना डालकर खेतों में बोएं किसान

औरंगाबाद (राजेन्द्र अग्रवाल) : हिंगवाडा में आयोजित किसान गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञों ने क्षेत्रीय किसानों को बुवाई में नवीनतम प्रजातियों का गन्ना ही प्रयोग करने की सलाह दी है।

कृषि विशेषज्ञों की राय में नवीनतम प्रजातियों का गन्ना रोग रोधक है।

बुधवार को सिंभावली चीनी मिल के सौजन्य से गांव हिंगवाडा में धर्मेंद्र सिंह के आवास पर आयोजित किसान गोष्ठी में मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक कुशल वीर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक क्षेत्र में को 238 प्रजाति का गन्ना अधिकांश लोगों द्वारा बोया जाता रहा है इस समय इस गन्ने में लाल सड़न और चोटी भेदक रोग फैल चुका है अतः किसानों को चाहिए कि नवीन प्रजातियों 15023,14201,कोसा 13235, तथा को 118 का गन्ना ही बुबाई में प्रयोग करें। सिंह ने बताया कि जिन लोगों ने अपने खेत में नवीनतम प्रजातियों का गन्ना बोया था वो इस गन्ने को मिल पर ना डालें और इसको बीज के रूप में खेतों में बोएं।

सिंह ने यह भी कहा कि यदि को 238 को बोना ही हो तो गन्ने का उपरी एक तिहाई हिस्सा ही बोएं और उसको भी थायोफेनेट मिथाइल के घोल में डुबोकर रखें तब प्रयोग करें। उन्होंने किसानों को बोने के तौर तरीके बताए और उपचार बताए।

गोष्ठी में गन्ना अधिकारी आकाश कुमार, गन्ना पर्यवेक्षक ब्रह्मपाल सिंह और संजय कुमार आदि ने भी विचार रखे।

इस अवसर पर चेयरमैन संदीप कुमार, महेंद्र सिंह जुगेंद्र सिंह शरण वीर चमनवीर हरेंद्र सिंह अमित कुमार आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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