बुलंदशहर : आज सरकार ने जनता की सुनवाई के लिए कई तरह के साधन बनाए हुए है जिसमे किसी भी तरह की मदद के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन शिकायत कर सकते है लेकिन एक गरीब बेचारा इंसान तब क्या करे जब उसकी सुनवाई कही नही हो पा रही हो और धक्के खाकर और किसी फिल्म के जैसे कभी इस अधिकारी के पास और कभी उस अधिकारी के पास सिर्फ और सिर्फ धक्के ही खा रहा हो ! हमे अंग्रेजो से आज़ादी मिले तो सालो गुज़र चुके लेकिन दलित पिछड़ा और गरीब इंसान आज भी सिस्टम और पुलिस का गुलाम है। मामला बुलंदशहर ज़िले के अंबेडकर बस्ती के रहने वाले और दलित समाज से आने वाले एक लाचार मां बेटा का है, विधवा मां और विकलांग बेटे के अनुसार उनकी खानपुर में ही थाने के समीप एक पुश्तैनी ज़मीन है जिसका माननीय न्यायालय मेरठ और स्याना तहसील में मुकदमा विचाराधीन है और दूसरा दबंग पक्ष उक्त ज़मीन को कब्ज़ा करने की फिराक में लगा हुआ है, आगे उन्होंने बताया कि खानपुर नगर पंचायत ईओ मनोज कुमार से भी कई बार इन लोगो ने न्याय की गुहार लगाई, और खानपुर थाने के इंस्पेक्टर के पास भी दो बार वो हाजरी लगा चुके हैं, इसके अलावा स्याना तहसील दिवस में भी जा चुके हैं और अब आज एसएसपी ऑफिस बुलंदशहर इंसाफ की आस लेकर पहुंचे तो वहा से भी उनको निराशा ही हाथ लगी और उनको वापस तहसील जाने को बोल दिया गया है। विधवा मां का इकलौता विकलांग बेटा कैमरे पर बात करते हुए भावुक हो गया आंखो में आसू आ गए सीधा आरोप विकलांग युवक पुलिस प्रशासन पर लगा रहा है अब परेशान दलित युवक के आंसू देख कर हो सकता है आला अधिकारियों का दिल पसीज जाए और एक परिवार सड़क पर आने से बच जाए।

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