पशु पालन विभाग, मत्स्य, लघु सिंचाई एवं नेडा विभाग में संचालित योजनाओं, कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत हुई

बुलन्दशहर : कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रुति की अध्यक्षता में पशु पालन विभाग, मत्स्य, लघु सिंचाई एवं नेडा विभाग में संचालित योजनाओं, कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत हुई। बैठक में सर्वप्रथम पशु पालन विभाग की विस्तृत रूप से समीक्षा हुई। बैठक में सीवीओ द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों के बारे में पीपीटी का माध्यम से अवगत कराया गया। जनपद में संचालित गौशालाओं, संरक्षित गौवंशो के भरण पोषण हेतु की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया कि गौशाला में सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। साफ सफाई का ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत दिए गए गौवंशो के भुगतान की स्थिति की जानकारी ली गई जिस पर बताया गया कि माह अक्टूबर 2024 तक का भुगतान किया जा चुका है। शेष माह के भुगतान की प्रक्रिया की जा रही है। जनपद में दो वृहद गौ आश्रय स्थल निर्माणाधीन है। निर्देशित किया गया कि समय समय पर निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण करते हुए डीपीआर के अनुसार गुणवत्ता युक्त सामग्री का प्रयोग करते हुए समय से कार्य पूर्ण कराए जाए। बैकयार्ड पोल्ट्री योजना, बकरी पालन योजना, नन्द बाबा योजना आदि के बारे में जानकारी दी गई। निर्देशित किया गया कि योजनाओं का प्रचार प्रसार कराया जाए और दिए गए लक्ष्य को पूरा करें। योजनाओं के मिलने वाले अनुदान प्रतिशत के बारे में भी लोगों को बताया जाए जिससे पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ ले सके। नेडा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए पीएम सूर्य घर योजना में दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक किए गए कार्यों की विस्तृत रूप से समीक्षा की गई। बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत 2027 तक 50 हजार घरों पर सोलर पैनल लगाए जाने हैं। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा था है। जनपद में योजना के तहत 07 वेंडर सोलर पैनल लगाए जाने का कार्य कर रहे हैं। निर्देशित किया गया कि लक्ष्य पूरा करने के लिए योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए। सोलर पैनल लगाने में आने वाले व्यय – अनुदान के बारे में तथा किस प्रकार से लोगों को विद्युत उपयोग में लाभ होगा ओर विद्युत बिल शून्य हो सकता है उसके बारे में जानकारी दी जाए। सोलर प्लांट लगाकर भी बिजली जेनरेट कर ग्रिड को बेच सकते हैं आदि के बार में भी जानकारी दी जाए। सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जाने के कार्य की भी समीक्षा की गई जिस पर बताया गया कि विभागों के द्वारा अपने अपने सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जाने का कार्य किया जाना है। लघु सिंचाई विभाग के कार्यों की भी समीक्षा करते हुए योजनाओं का प्रचार प्रसार कराकर लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए। विभाग से जारी होने वाली एनओसी के लिए निर्देश दिए गए कि आवेदन प्राप्त होने पर उसका समय से निस्तारण सुनिश्चित करें। अनावश्यक रूप से आवेदन को लंबित नहीं रखे। मत्स्य विभाग की समीक्षा में सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री मत्स्य योजना में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार एवं 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। विभाग में मुख्यमंत्री मत्स्य योजना, मछुआ कल्याण कोष, मछुआ गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने, निषाद बोट सब्सिडी योजना, सघन मत्स्य एयरेशन सिस्टम योजना, रिवर रेचिंग योजना में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी विस्तार से दी गई। किसान क्रेडिट योजना में मछुवारों को लोन दिलाए जाने की कार्यवाही की जाती है। मछुआ दुर्घटना योजना के बारे में बताया गया कि इसमें दुर्घटना होने पर 25 हजार से 05 लाख रुपए तक का लाभ मिलता है। निर्देशित किया गया कि दुर्घटना होने पर संबंधित की नियमानुसार आर्थिक रूप से मदद की जाए। बैठक में सीडीओ कुलदीप मीना सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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