बुलंदशहर : श्री बांके बिहारी सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्री धाम वृंदावन से पधारे परम पूज्य श्री निवालाचार्य जी महाराजने बताया कि भगवान कहते हैं कि जब मैं अपने भक्तों पर कृपया करता हूं तो उनका सब कुछ छीन लेता हूं और उनके सारे ऐश्वर्या को नष्ट कर देता हूं और उनके जीवन में नाना प्रकार के क्लेश उत्पन्न कर देता हूं और जीवन अत्यंत दुखी हो जाता है तो निश्चित रूप से भगवान की भक्ति छोड़ देता है लेकिन जो जीव परमात्मा की निरंतर भक्ति करता रहता है धैर्य बनाए रखना है जीवन में असहनीय दुख आने पर सगे संबंधियों द्वारा अप्रिय व्यवहार करते हुए अलग कर देने पर धन समाप्त हो जाने पर भी भजन और भगवान की शरण नहीं छोड़ता है तो भगवान कहते हैं कि फिर मैं उसे सर्वोच्च पद प्रदान करता हूं और ऐसा पद प्रदान करता हूं जिसकी बहमादिक आदि बड़े-बड़े देवता स्तुति करते हैं और मैं उसे पर जीव पर सदैव प्रसन्न रहता हूं यदि फिर जाने अनजाने में उससे कोई पाप होता है तो फिर मैं उसे क्षमा कर देता हूं और सदैव उसे पर प्रसन्न रहता हूं कथा में रविंद्र राजौरा अखिलेश लोधी प्रदीप लोधी भूपेंद्र सिंह मनोज लोधी मनोज शर्मा जतनवीर सिंह मनोज राघव सुनील गुप्ता आदि सैकड़ो भक्तजन मौजूद रहे
श्री बांके बिहारी सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा
