बुलंदशहर : आधुनिक भारत के निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 132 वी जयंती भूड़ स्थित बाल्मीकि बस्ती में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई। इस अवसर पर आई एस सोनी, बबीता गौतम, राजू जीनवाल, वीरेंद्र जीनवाल, सुरेश चंद, त्रिलोक चन्द, राकेश कुमार सिंह, राजन, गीता, मंजू आदि ने बाबा साहब के देश और समाज को दिए गए योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपने विचार रखते हुए कहा कि बाबा साहब जाति और वर्ण व्यवस्था रूपी समाज का विनाश कर जाति विहीन समाज की स्थापना कर लोकतंत्र के सहारे वंचित समाज को उनका वाजिब हक दिलाना चाहते थे।
सदियों की सामाजिक और आर्थिक दास्तां को समाप्त करने का मजबूत प्रावधान भारतीय संविधान में उन्होंने किया। लेकिन आज प्रतिक्रियावादी ताकतें संविधान की आत्मा पर हमला कर रही हैं मजदूर- किसान, गरीब, दलित शोषित आम जनता को संविधान में मिले हक अधिकारों को आज छीना जा रहा है, श्रम कानूनों को उद्योगपतियों के पक्ष में बदला गया है, स्वास्थ्य, शिक्षा के अधिकार को भी आम आदमी से छीना जा रहा है,
असहमति और विरोध करने के अधिकारों को कुचल कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है हमें अपने हक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है यही बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर संबोधित करते हुए त्रिलोक चन्द ने कहा कि बाबासाहेब आधुनिक समय के अधिकारों के अग्रदूत थे। उन्होंने वर्ण विरोधी समाज की कामना की और सारी जिंदगी अछूतोद्धार के लिए लगे रहे,
उन्होंने अपना अंबेडकरपन कभी नहीं खोया। बबीता गौतम ने कहाँ बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर करोड़ों दलितों के उद्धारक, वर्ण भेद के कट्टर विरोधक, सामाजिक समरसता के प्रबल समर्थक और आधुनिक समय के सर्वश्रेष्ठ क्रांतिकारी समाज सुधारक बने रहे। आईएस सोनी ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर जन्मजात विद्रोही थे. जन्मजात बगावती थे, उन्होंने गांधी से बगावत की, कांग्रेस से बगावत की, हिंदू समाज से बगावत की और हिंदू धर्म से बगावत की, परंतु उन्होंने कभी भी देश से बगावत नहीं की। वह सामाजिक समता के अग्रदूत थे। इस महामानव को शत शत नमन वंदन अभिनंदन और इस अवसर पर सभी जनपद वासियों को बाबा साहब के जन्मोत्सव की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं व्यक्त किया।
