अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका का पंचम अंक का सफल प्रकाशन किया गया

अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका का पंचम अंक जो बाल एवं युवा विशेषांक था। उसका सफल प्रकाशन किया गया। उसमें बहुत से देश विदेश के रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रकाशित करवाई। और जैसा की पंचम अंक बाल एवं युवा विशेषांक का उद्देश्य था उसी के अनुरूप अपने सृजन के माध्यम से इस अंक में बाल एवं युवा विशेष के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है, जो आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक है। पुस्तक की भाषा सरल और समझने योग्य है, जो इसे पढ़ने में आसान बनाती है। इसमें दिए गए सुझाव और अनुभव बाल एवं युवा विशेष के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। पुस्तक को पढ़ने से बाल एवं युवा विशेष के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपने काम में सुधार करने में मदद मिलती है।

बाल एवं युवा विशेषांक पर आधारित अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका एक अद्वितीय और आकर्षक प्रकाशन है। इस पत्रिका में बाल और युवा संबंधी विभिन्न विषयों पर लेख, कहानियां, कविताएं और चित्र प्रकाशित किए गए हैं। इसमें बाल साहित्य, युवा संबंधी मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन से संबंधित लेख शामिल हैं। पत्रिका में प्रकाशित लेख और कहानियां न केवल मनोरंजक हैं, बल्कि शैक्षिक भी हैं। और उन्हें आकर्षक और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसमें बाल और युवा लेखकों को भी प्रकाशन का अवसर दिया गया है। इसकी विविधता, उत्कृष्ट संपादन और आकर्षक प्रस्तुति इसे एक अनिवार्य पढ़ने का साधन बनाती है। यह अंक न केवल बच्चों और युवाओं के लिए उपयोगी है, बल्कि आम पाठकों के लिए भी बेहद रुचिकर और जानकारी पूर्ण है।

इसकी शुरुआत करने वाली साहित्य के क्षेत्र की एक नवोदित लेखिका सुशी सक्सेना है। और इसके सहयोगी सलाहकार अनुपमा, डौली झा, प्रशान्त श्रीवास्तव और कनिका शर्मा जी हैं। जिनका सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाने में इनका अमूल्य सहयोग शामिल है। अनुपमा एक ऐसी पत्रिका है जिसमें नये पुराने छोटे बड़े सभी तरह के कलाकारों को अपनी लेखनी चलाने का अवसर प्रदान किया जाता है और उन्हें सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाता है। इसे यूनिक फील पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।

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