नई दिल्ली, अक्टूबर 10: भारत 15 अक्टूबर से मालदीव के साथ 2018 वीजा छूट समझौते को फिर से शुरू करने पर सहमत हो गया है। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि, कोरोनो वायरस बीमारी (कोविड -19) के कारण समझौते को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। कोरोना महामारी को देखते हुए भारत ने मालदीव समेत कई देशों की यात्राओं को रोक दिया था।
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट कर लिखा कि, खुशी है कि भारत, मालदीव और भारत के बीच 2018 दिसंबर वीजा छूट समझौते को फिर से शुरू करने के लिए सहमत हो गया है, जिसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। 15 अक्टूबर 2021 से, मालदीव के नागरिकों को पर्यटकों, चिकित्सा और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वीजा आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी। उन्होंने समझौते को फिर से शुरू करने के मालदीव सरकार के अनुरोध पर विचार करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी धन्यवाद दिया।
यह फैसला तब लिया गया है जब भारत में एक साल तक प्रतिबंध जारी रहने के बाद 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुलने की तैयारी कर रहा है। घरेलू पर्यटन उद्योग कोविड -19 महामारी की दो लहरों से असमान रूप से प्रभावित हुआ है। पूर्व-महामारी के वर्षों में इस क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा था। दूसरी ओर मालदीव जुलाई 2020 से पर्यटकों के लिए खुला है।
2018 वीजा छूट समझौता मालदीव के नागरिकों के लिए पर्यटन, व्यवसाय, शिक्षा और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भारत आने की यात्रा को आसान बनाता है। यह भारतीय कर्मचारियों को उनके आगमन के 15 दिनों के भीतर वर्क परमिट भी देता है और वीजा नियमों को आसान बनाता है। उनके वीजा शुल्क का भुगतान उनके नियोक्ताओं द्वारा किया जाता है। दिसंबर 2018 में मालदीव के राष्ट्रपति इबू सोलिह की यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।