- सोनभद्र में इसी घपले में सीएमओ के खिलाफ सरकार ने दियेजांच के आदेश
- बुलंदशहर में कब होगी कार्रवाई?
औरंगाबाद, बुलंदशहर (राजेन्द्र अग्रवाल) : स्वास्थ्य विभाग बुलंदशहर में भृष्टाचार फिलहाल चरम पर है। छोटे अधिकारी कर्मचारियों को छोड़िए यहां तो स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी भी भृष्टाचार की बहती गंगा में डुबकी लगाने में पीछे नहीं रह गये हैं कहना उचित होगा कि आलाकमान के संरक्षण में ही भृष्टाचार के नये कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं।
विभाग में एक अफसर हैं डॉ गौरव सक्सैना। ये लेवल वन के अधिकारी हैं। इनका स्तर स्वास्थ्य विभाग में भले ही लेवल वन का कनिष्ठ हो लेकिन ये फिलहाल सी एम ओ से भी वरिष्ठ स्तर पर तैनात हैं। स्वास्थ्य विभाग में सबसे मलाई दार अल्टृरासाउंड जांच विभाग माना जाता है। शासन की नियमावली के अनुसार इस विभाग का जिम्मा लेवल फोर के ही अधिकारी को दिया जाएगा लेकिन सी एम ओ ने इस विभाग का नोडल अधिकारी डॉ गौरव सक्सेना को बनाया हुआ है। सोनभद्र जिले में इसी प्रकार का मामला सामने आया तो स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव डा मन्नान अख्तर ने सी एम ओ डा रमेश ठाकुर के खिलाफ प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर जांच के आदेश गत दिवस जारी किये हैं।
लेकिन बुलंदशहर शायद शासन स्तर पर अपवाद है क्योंकि यहां डा गौरव सक्सेना के लेवल वन होते हुए भी लेवल फोर का चार्ज देने वाले सी एम ओ पर कोई कार्रवाई होती दिखाई नहीं देती।
यही नहीं लेवल वन अधिकारी डॉ गौरव सक्सेना पर आयुष्मान भारत योजना, खुर्जा के राजकीय महिला चिकित्सालय का अतिरिक्त प्रभार, भवन निर्माण सामग्री खरीद फरोख्त का जिम्मा, तथा अन्य तमाम अहम काम बिना इन महाशय के होने संभव नहीं हैं।
जानकार बताते हैं कि पैथालॉजी जांच पड़ताल का काम भले ही अन्य चिकित्सक के हवाले हो लेकिन चलती इनके स्तर से ही है। इंडियन मैडिकल एसोसिएशन ने कुछ समय पहले अपंजीकृत अल्टृरासाउंड सैंटरों की सूची सी एम ओ को भेजते हुए कार्रवाई की मांग की थी लेकिन फिलहाल इस अहम चिठ्ठी पर कार्रवाई अधर में है। जानकार बताते हैं कि सूची में शामिल अल्टृरासाउंड सैंटरों पर अवैध वसूली करने और महीना समय पर पहुंचाने की कड़ी हिदायत देते हुए मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
जब सी एम ओ से मालूम किया गया तो उन्होंने बताया कि हमारे पास लेवल फोर के अधिकारी मौजूद नहीं हैं। अतः किसी को तो काम सौंपना ही पड़ेगा लेकिन लेवल वन के अधिकारी को ही क्यों इसका जवाब उनके पास भी नहीं था।

अब डा गौरव सक्सेना ने बताया कि मेरे पास सिर्फ आयुष्मान भारत योजना का चार्ज है अल्ट्रासाउंड पंजीयन व जांच का काम जिलाधिकारी के पास है। लेकिन जिलाधिकारी के पास चार्ज होने की जानकारी शायद स्वयं सी एम ओ साहब को भी नहीं है तभी तो वो यह तथ्य मीडिया को बताने में असमर्थ रहे।