डिबाई संवाददाता पवन शर्मा। सन 1857 में ब्रिटिश साम्राज्य की राज्य हड़प और दमनकारी नीति के विरोध में क्रांति का बिगुल फूंकने वाली स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम महिला शहीद महारानी अवंती बाई लोधी के बलिदान दिवस 20 मार्च के अवसर पर लोधी क्षत्रिय एम्पलाइज एसोसिएशन (लक्ष्य) डिबाई-नरौरा द्वारा डिबाई दोराहा पर अवंती बाई पार्क में महारानी की विशाल प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर लक्ष्य समिति के अध्यक्ष इं. सोमवीर सिंह व संरक्षक पीपी सिंह ने महारानी अवंतीबाई की प्रतिमा को फूलमाला अर्पित कर अपने श्रद्धांजलि दी।
अपने उद्बोधन में इं. सोमवीर सिंह ने कहा की महारानी अवंती बाई भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की प्रेरणा स्रोत रहीं। समिति के संरक्षक श्री पी पी सिंह ने बताया कि महारानी अवंतीबाई 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम शहीद वीरांगना थीं।
उन्हीं के अनुसरण व प्रेरणा के उपरांत महारानी लक्ष्मीबाई भी स्वतंत्रता समर समर में कूदी थीं। राजकुमार लोधी सचिव लक्ष समिति ने अपने उद्बोधन में कहा कि वीर और वीरांगनाओं किसी जाति, धर्म, राजनीति या फिरका की संपत्ति न होकर उनका व्यक्तित्व संपूर्ण राष्ट्र की धरोहर होता है।
लेकिन मौका परस्त लोगों ने महापुरुषों को भी जाति, धर्म, दल और धड़ों में बांट दिया है। नरोरा से पधारे लाला तेजपाल सिंह शास्त्री ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि महारानी के बलिदान से देश में स्वतंत्रता की चिंगारी धधक उठी और हम आज जिस स्वतंत्र हवा में सांस ले रहे हैं वह ऐसे ही वीर और वीरांगनाओं के बलिदान स्वरूप हमें नसीब हुई है। इस अवसर पर समिति के संरक्षक होडल सिंह आर्य, मिट्ठन लाल आर्य, रौतान सिंह लोधी, रोशन सिंह लोधी, देवेंद्र सिंह लोधी, जयपाल सिंह लोधी, भुवनेश मथुरिया, हरिओम लोधी, आनंद सिंह लोधी ब्लाक प्रमुख दानपुर, तेजपाल सिंह प्रवक्ता रंधौरा और अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
