श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हरी नाम संकीर्तन मंडल के 51 में वार्षिक महोत्सव के उपलक्ष में चल रही

बुलंदशहर : नगर की श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हरी नाम संकीर्तन मंडल के 51 में वार्षिक महोत्सव के उपलक्ष में चल रही श्रीमद् भागवत कथा वह भक्तमाल की कथा में भगवान कृष्ण के अनेक भक्तों की लीला का किया गया वर्णन श्री हरि नाम संकीर्तन मंडल के तत्वावधान में बुलंदशहर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रही श्री भक्तमाल कथा में आज श्री नवनीतप्रिय दास जी महाराज ने जीवन से जुड़े बहुत से सुंदर प्रसंग सुनाए। जिसमें विशेष रूप से गृहस्थ जनों के लिए भगवत भक्ति हेतु सहज सरल उपाय भी बताये। आज की कथा में विशेष रूप से श्री चीधर स्वामी, कुम्भन दास जी, रूप सनातन गोस्वामी महाराज की कथा हुई। पूज्य महाराज जी ने जीवन से जुड़े हुए कई अनूठे प्रसंग सुनाए जिससे जनमानस ने बहुत लाभ लिया। परम श्रद्धेय महाराज जी पूर्व आश्रम में एक प्रोफेसर भी रहे हैं। इस कारण से काफी युवा भी कथा में जुड़कर के लाभ ले रहे हैं।श्रीमद् भागवत कथा में सातवें दिन कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। व्यास पीठ से बताया गया कि जो सातवें दिन की श्रीमद् भागवत कथा लास्ट के दिन सुनता है उसकी पूरी कथा सुनने का फल प्राप्त होता है इस अवसर पर मुख्य जजमान अमित बंसल प्रदीप गोयल रहे वही भागवत में भाजपा जिला अध्यक्ष विकास चौहान भी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे ठीक है ठीक है

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